"मेरे मोती--------देव लोहान"
"मेरे मोती--------देव लोहान"
बड्डे बुजुर्ग सब कहते है अपने धरती ही सब की थाती है
आँखों के मोति बहते है जब याद गावों की आती है
जहाँ अब भी सजती है मस्त मोलो की टोलिया
पूरी उमंग ओर मस्ती के साथ अब भी खेली जाती है होलिया
यही सब बातें दिल मे एक कुंक उठाती है
आँखों की मोती बहती है जब याद गावों की आती है
प्रेम की वो सॉफ ल्हर हर एक गली मे बहती है
राम सीता की जोड़ियाँ जहाँ हर घर मे रहती है
पवित्रता की यह बयार ही तो उस जगह को ख़ास बनाती है
आँखों की मोती बहती है जब याद गावों की आती है
वो नदी के पुल के उपर से कूद जाना
हर रोज़ बाग मे से अम्रुदो को चुराना
वो मा के कोमल हाथो साइ मार खाना
बचने के लिया हर रोज़ एक नया बहाना
सेरारत के यह फुलज़ाडीएन "अमीरीए" को छेड़ जाती है
आँखों की मोती बहती है जब याद गावों की आती है
भीड बहुत है आस पास यहाँ पर.................
पर उसकी याद तो लाखों मे भी तन्हा कर जाती है
आँखों की मोती बहती है जब याद गावों की आती है
Comments
Post a Comment