ख़ूदगोर सनम
ख़ूदगोर सनम
ए देख सखा,सुन तो ज़रा, जमाना ये बड़ा ख़ूदगोर है
है तू बड़ा ही चतुर सियाना या तू बहुत कमजोर है
जो तू हुआ रे चतुर सियाना , तो फ़िक्र की कोई बात नही
फिर तू रहेगा सबसे उपर, तेरे सामने किसीकि औकात नही
हम जैसे को, तू ठगेगा, पर ये भी तेरे लिए कनात नही
तू रहे खुश अपने जहाँ मे, इससे बड़े कोई सोगात नही
पर
मत करना तू यकीं किसी पर हसणे वाला हर कोई मुर्दाखोर है
ए देख सखा,सुन तो ज़रा, जमाना ये बड़ा ख़ूदगोर है
है तू बड़ा ही चतुर सियाना या तू बहुत कमजोर है
गर रहा कमजोर यहाँ तू, तो जीना तुझे यहाँ ना आएगा
जिंदगी है बड़ी कड़वी घुट, इसे पीना तुझे यहाँ ना आएगा
ख़ुदग़रज़ो की बस्ती मे, बनना कमीना तुझे यहाँ ना आएगा
भूखे शेरो से मर्ग बचाना,ए हसीना तुझे यहाँ ना आएगा
नही है जीवन शांत समुंदर, इसका तो हर पहलू ही देता जन्क्झोर है
मत करना तू यकीन किसी पर, हसणे वाला हर कोई यहाँ मुर्दखोर है
दिखा के सपने सरल सुहाने ,"अमीरिए" डुबोने की कोशिश पुरजोर है
ए देख सखा,सुन तो ज़रा, जमाना ये बड़ा ख़ूदगोर है
है तू बड़ा ही चतुर सियाना या तू बहुत कमजोर है
देव लोहान "अमीरीया"
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